2024 teej date, teej kab or kyu manaya jata hai। तीज कब और क्यों मनाया जाता है, तीज मनाने से क्या होता है।
तीज एक प्राचीन हिंदू त्योहार है जो विशेष रूप से भारत और नेपाल के शहरों और गांवों में मनाया जाता है। ये त्यौहार मुख्यतः महिलाओ के लिए होता है और इसमें अलग-अलग राज्य और क्षेत्र में विभिन्न परम्पराओं के साथ मनाया जाता है। यहां तीज के कब और कहां मनाने की जानकारी दी गई है:
तीज कब मनाया जाता है?
इस बार तीज 7 अगस्त 2024 को मनाया जायेगा।तीज त्योहार का समय हिंदू चंद्र कैलेंडर पर निर्भर करता है, और ये हर साल थोड़ा सा अलग हो सकता है। अगर हम ग्रेगोरियन कैलेंडर की बात करें, तो तीज अक्सर अगस्त या सितंबर के महीने में आती है। तीज का प्रमुख दिन “हरियाली तीज” होता है जो सावन मास की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इसके अलावा, हरितालिका तीज और कजरी तीज भी कुछ जगह प्रमुख रूप से मनाए जाते हैं:
1.हरियाली तीज: सावन मास की चतुर्थी को, जो मानसून के दौरन होता है, ये तीज मनायी जाती है। ये तीज विशेष रूप से राजस्थानी और हरियाणवी शहर में मनाई जाती है।
2.हरितालिका तीज: भाद्रपद मास की तृतीया तिथि को, जो गणेश चतुर्थी के लिए आस-पास होता है, उसे हरितालिका तीज के रूप में मनाया जाता है। ये विशेष रूप से राजस्थान और उत्तर प्रदेश के शहरों में मनाई जाती है।
3.कजरी तीज: भाद्रपद मास की चतुर्थी को, जो काफी माहीने बाद आती है, ये तीज मनायी जाती है। ये तीज विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के शहरों में मनाई जाती है।
कहां मनाया जाता है?
1.राजस्थान: राजस्थान में तीज के भव्य जश्न के साथ मनाया जाता है। यहां पर, खासकर जयपुर और उदयपुर में, तीज के दिन छोटे-मोटे मेले और जुलूसों का आयोजन होता है। राजस्थान के गांव और शहर में, महिलाएं झूले पर बैठती हैं और लोक नृत्य और गीतों का आनंद लेती हैं।
2.हरियाणा: हरियाणा के शहर जैसे गुड़गांव और पंचकुला में, तीज भी बड़े धूम-धड़ाके के साथ मनाई जाती है। यहां पर भी पारंपरिक झूले और लोकगीतों का आनंद लिया जाता है।
3.पंजाब: पंजाब में, तीज पर जीवंत उत्सव होते हैं जहां पर लोग पारंपरिक पोशाक पहनते हैं और लोक नृत्य और संगीत का आनंद लेते हैं।
4.उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश, खास लखनऊ और वाराणसी, हरितालिका तीज को बड़े धमाके के साथ मनाते हैं। यहां पर, मंदिर और पूजा समारोह प्रमुख होते हैं।
5.नेपाल: नेपाल में, हरितालिका तीज को बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। काठमांडू और दूसरे शहरों में, महिला मंदिर जाकर और विस्तृत पूजा और अनुष्ठान करती हैं
6.मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश, खास इंदौर और भोपाल, कजरी तीज को प्रमुख रूप से मनाते हैं। यहां पर भी पारंपरिक समारोह और सामुदायिक समारोह होते हैं
तीज मनाने की कारण:-
1.धार्मिक और आध्यात्मिक: तीज का मुख्य उपदेश धार्मिक और आध्यात्मिक विकास है। यह त्यौहार देवी पार्वती की पूजा और व्रत के रूप में रखा जाता है, जो विवाहित महिलाओं के लिए अपने पति की दीर्घायु और सुख के लिए होता है।
2.सांस्कृतिक उत्सव: तीज एक सांस्कृतिक उत्सव भी है जो क्षेत्र-विशिष्ट परंपराओं और रीति-रिवाजों को जीवित रखता है। यह त्यौहार क्षेत्रीय परंपराओं और कलाओं को समर्थन देता है और समुदाय को एक साथ आने का अवसर देता है।
3.सामाजिक जुड़ाव: तीज पर, परिवार और सामाजिक संगठन एक साथ आती हैं और सामुदायिक कार्यक्रमों का आनंद लेती हैं। ये संबंध को मजबूती देता है और एक सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा देता है।
4.पर्यावरण कनेक्शन: तीज के दौरन, प्रकृति और पर्यावरण से जुड़ने का भी अवसर मिलता है, खासर झूलने की रस्में और मौसमी उत्सवों के रूप में।
इस प्रकार, तीज एक बहुआयामी त्योहार है जो अपने धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व के लिए जाना जाता है।
तीज, एक प्राचीन और महत्तवपूर्ण हिंदू त्योहार है जो प्रमुख रूप से महिलाएं मानती हैं। यहां कुछ मुख्य चीजें हैं जो तीज मनाने से होती हैं:
1.आत्म-विश्वास और भक्ति: तीज के दिन, महिलाएं बहुत ही गहन धार्मिक और भक्ति भावना के साथ व्रत और पूजा करती हैं। इसका उनका आत्मिक विश्वास और भक्ति बढ़ता है, जो उनकी रूहानी विकास में सहायक होता है।
2.वैवाहिक आनंद: तीज का व्रत अक्सर अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए रखा जाता है। इस व्रत के द्वार, पत्नी अपने पति के लिए सुख और समृद्धि की प्रार्थना करती है, जो कि संबंध में प्रेम और समर्पण को महानता देता है।
3.स्वस्थ जीवन: तीज के दिन व्रत और व्रत रखने से शरीर को डिटॉक्सिफिकेशन का फायदा मिलता है। इसे पचड़े हुए पोषक तत्वों और जहरीली चीज़ों का नशा होता है, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
4.समन्वय और सामाजिक बंधन: तीज एक ऐसा समय है जब परिवार और सामाजिक संगठन एक साथ आते हैं। महिलाएँ इस दिन मिलजुल कर पूजा करती हैं, झूले पर बैठती हैं, और एक दूसरे के साथ समय बिताती हैं, जो कि सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को मज़बूती देता है।
5.सांस्कृतिक और परम्परागत अनुशासन: तीज के तेवर और अनुशासन से लोगों को अपनी परम्परागत और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने का अवसर मिलता है। इसे न केवल लोक संस्कृति का समर्थन होता है, बल्कि नई और पुरानी पीढ़ी के बीच एक भावनात्मक जोड़ भी बनता है।
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6.मनोरंजन और ख़ुशी: तीज पर, महिलाएँ रंग-बिरंगे कपड़े पहनती हैं, पूजा और अनुष्ठान करती हैं, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेती हैं। इसे ख़ुशी और मनोरंजन का आनंद मिलता है, जो हर किसी के जीवन में एक रंगीन स्पर्श लाता है।
7.दान और सेवा: तीज के दौरन, कई लोग दान और सेवा भी करते हैं। इसे गरीबों और जरुरतमंदों की मदद मिलती है, जो सामाजिक सेवा और दयालुता को बढ़ावा देता है।
ये सभी चीजें मिलकर तीज को एक पवित्र और महत्त्वपूर्ण उत्सव बनाती हैं जो ना केवल धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को सम्मानित करती है, बालक सामाजिक और व्यक्तित्व विकास में भी योगदान देती है।
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